Practical :
Aim (उद्देश्य) :
प्लेट अर्थिंग (Plate Earthing) को तैयार करना।
Method :
1) जमीन में 3 मीटर से अधिक गहरा गड्डा खोदो जिसकी चौड़ाई 90 से.मी. × 90 से.मी. हो।
2) अर्थ इलैक्ट्रोड (Earth electrode) के लिए एक कॉपर की प्लेट जिसका साइज 60 से.मी. × 60 से.मी. × 3.18 मि.मी या जी.आई. की प्लेट जिसका साइज 60 से.मी × 60 से.मी × 35 मि.मी. हो।
3) प्लेट के बीचे में छेद करो।
4) तार के टुकडे़ को जिसको Earthing lead कहते हैं, नट-वोल्ट से प्लेट के साथ कस दो ।
5) अब प्लेट को गड्डे की सतह में वर्टिकली (Vertically) रख दो ।
6) प्लेट के चारों ओर 15 से.मी. मोटी तह नमक व कोयले की एक - दूसरे के बाद लगाओ जब तक प्लेट ढक न जाये।
7) Earthing lead को 12-5 मि.मी. व्यास पाइप के अन्दर से निकालो।
8) एक 19 मि.मी. व्यास का पाइप प्लेट की सतह तक ले जाओं।
9) एक कीप (Funnel) को 19 मि.मी. व्यास पाइप के ऊपरी सतह पर लगाओ।
10) गड्डे को कास्ट-आयरन के ढक्कन (Cover) से बन्द कर दो ।
11) प्लेट अर्थिंग रेखा आकृति चित्र में दिखाई गई है।
सावधानियाँ (Precautions) :
1) गड्डे की गहराई नमी के अनुसार रखनी चाहिए।
2) प्लेट का साइज नियम अनुसार होना चाहिए।
3) Earthing lead व नट-वोल्ट उसी धातु के होने चाहिए जिसकी अर्थ प्लेट (Electrode) हैं।
4) सभी ज्वाइंट टाइट होने चाहिए।
Aim (उद्देश्य) :
प्लेट अर्थिंग (Plate Earthing) को तैयार करना।
Method :
1) जमीन में 3 मीटर से अधिक गहरा गड्डा खोदो जिसकी चौड़ाई 90 से.मी. × 90 से.मी. हो।
2) अर्थ इलैक्ट्रोड (Earth electrode) के लिए एक कॉपर की प्लेट जिसका साइज 60 से.मी. × 60 से.मी. × 3.18 मि.मी या जी.आई. की प्लेट जिसका साइज 60 से.मी × 60 से.मी × 35 मि.मी. हो।
3) प्लेट के बीचे में छेद करो।
4) तार के टुकडे़ को जिसको Earthing lead कहते हैं, नट-वोल्ट से प्लेट के साथ कस दो ।
5) अब प्लेट को गड्डे की सतह में वर्टिकली (Vertically) रख दो ।
6) प्लेट के चारों ओर 15 से.मी. मोटी तह नमक व कोयले की एक - दूसरे के बाद लगाओ जब तक प्लेट ढक न जाये।
7) Earthing lead को 12-5 मि.मी. व्यास पाइप के अन्दर से निकालो।
8) एक 19 मि.मी. व्यास का पाइप प्लेट की सतह तक ले जाओं।
9) एक कीप (Funnel) को 19 मि.मी. व्यास पाइप के ऊपरी सतह पर लगाओ।
10) गड्डे को कास्ट-आयरन के ढक्कन (Cover) से बन्द कर दो ।
11) प्लेट अर्थिंग रेखा आकृति चित्र में दिखाई गई है।
1) गड्डे की गहराई नमी के अनुसार रखनी चाहिए।
2) प्लेट का साइज नियम अनुसार होना चाहिए।
3) Earthing lead व नट-वोल्ट उसी धातु के होने चाहिए जिसकी अर्थ प्लेट (Electrode) हैं।
4) सभी ज्वाइंट टाइट होने चाहिए।
Nice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteVery very nice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteNyc
ReplyDeleteHoli h
ReplyDeletenyc
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ReplyDeleteGreat article! Earthing is a crucial aspect of electrical safety, and gi plate earthing is one of the most effective methods for ensuring proper grounding. Your explanation of the process is very clear and helpful. Looking forward to more insights on electrical safety and installation techniques. Keep up the great work!
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