1 March 2017

Earthing

अर्थिंग (earthing) :
पृथ्वी का वोल्टेज शून्य माना जाता है । इसलिए किसी वैद्युतिक साधन कोे पृथ्वी से जोड देने पर उसका वोल्टेज भी शून्य हो जाता है। किसी ताँबे या जी.आईं. की प्लेट को पृथ्वी के अन्दर 2.5 या 3 मीटर नीचे अथवा नमी तक लगा देने को अर्थिंग कहते हैं। इसका वोल्टेज शून्य होता है और इससे सम्पर्क में आने वाले सभी विद्युतीय साधनों का भी वोल्टेज शून्य हो जाता है चाहे उस साधन में कितना भी वोल्टेज हो।
दूसरे शब्दों में कहूं तो,
किसी विद्युत उपकरण के विद्युत धारा वहन न करने वाले धातु भागों तथा न्यूट्रल तार को नगण्य प्रतिरोध तार द्वारा भू-भाग से इस प्रकार सम्बन्धित करने की क्रिया को, जिसके द्वारा उसमें आने वाले किसी भी विद्युत आवेश को बिना किसी खतरे के पृथ्वी में विसर्जित कर दिया जाये, अर्थिंग कहलाता है। अर्थिंग के लिए किसी नगण्य प्रतिरोधी चालक तार का उपयोग किया जाता है, जिसका एक सिरा भू-सम्पर्कित किए जाने वाले उपकरण से तथा दूसरा सिरा भूमि-भाग से संयोजित होता है। अर्थिंग के लिए उपयोग में लाया जाने वाला यह तार सतत् (continuous) होना चाहिए तथा प्रभावी रूप से भू-भाग से सम्बन्धित होना चाहिए।
अर्थिंग के उदेश्य-
1) जीवन का बचाव (safety of human life) :
किसी वैद्युतिक उपकरण की धात्विक बॉडी का सम्बन्ध विद्युत से हो जाता है या मशीनों की वाइंडिंग या वायरिंग में लीकेज पैदा हो जाती है अथवा इन्मुलेशन खराब होने से उसके उपरी भाग में विद्युत आ जाती है तो स्पर्श करने मात्र से जीवन समाप्त हो सकता है।
यदि 'अर्थ' का संबंध उपकरण या मशीन से कर दिया जाए तो स्पर्श करने वाले व्यक्ति को कोई हानि नहीं होगी।
2) लाइन के वोल्टेज को स्थिर रखने के लिऐ ' अर्थिंग' किया जाता है। प्रत्येक आल्टरनेटर और ट्रान्सफार्मर के न्यूट्रल को ' अर्थ' किया जाता है।
3) बडी़-बडी़ बिल्डिंगों को आसमानी विधुत से बचाने के लिए तडि़त चालक (Lighting arrester) प्रयोग किए जाते हैं जिससे आसमानी विद्युत अर्थ हो जाती है।
4) ओवरहैड लाइन से लगी वैद्युतिक मशीनों आदि को आसमानी विद्युत से बचाने के लिए ' अर्थिंग' की जाती है।
5) टैलीग्राफी में "अर्थ" को रिटर्न वायर के रूप में प्रयोग किया जाता है।
अर्थिंग न होने से हानियाँ :
1) लीकेज या उपकरण की बॉडी का ' जीवित ‘ तार से सम्पर्क हो जाने पर धवका (shock) लग जाता है और मृत्यु भी हो सकती है।
2) बडी़-बडी़ बिल्डिंग और विद्युत मशीनों को आसमानी विद्युत से हानि हो सकती है।
3) न्यूट्रल के द्वारा लाइन में स्थिर वोल्टेज नहीं मिलते हैं।

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