18 June 2016

Working of A.C./D.C. Generator in Hindi ( A.C./D.C. जनरेटर की कार्य प्रणाली )

यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Power) काे विद्युत ऊर्जा (Electrical Power) में बदलने वाली मशीन को जनरेटर कहते हैं। यदि यह मशीन यांत्रिक ऊर्जा काे D.C. में बदलती है तो यह D.C. जनरेटर कहलाता है और यदि यह मशीन यांत्रिक ऊर्जा को A.C. में बदलती है तो वह आल्टरनेटर कहलाती है।
जनरेटर का कार्य सिद्धांत :
जब किसी चालक से संबंधित चुम्बकय फ्लक्स में परिवर्तन होता है तो उस चालक में विद्युत वाहक बल (e.m.f) उत्पन्न हो जाता है।
आल्टरनेटर की कार्य प्रणाली :
चित्र में विद्युत चुम्बक के दो ध्रुव N तथा S दर्शाये गये हैं, इस चुम्बक के द्वारा फ्लक्स उत्पन्न हाेता है। एक कुण्डली चुम्बक के चुम्बकीय क्षेत्र में घूम रही है, इस कुण्डली के दाेनाें सिरे, स्लिप रिंग से जुड़े रहते हैं। स्लिप रिंग पर कार्बन ब्रुश लगे रहते हैं।
जब कुण्डली, चुम्बकीय क्षेत्र में घूमती है तो फैराडे के विद्युत चुम्बकत्व के नियम के अनुसार कुण्डली में प्रेरित वि.वा.ब. (विद्युत वाहक बल) उत्पन्न हाेता है। इसका तरंग रूप, साइन वेव के रूप में हाेता है। स्लिप रिंग कुण्डली के साथ घूमती है। कार्बन ब्रुश की सहायता से बाहरी परिपथ में A.C. वोल्टेज प्राप्त हाेता है।
ए.सी. वोल्टेज को डी.सी. वोल्टेज में बदलने के लिए डी.सी. जनरेटर में कम्युटेटर लगाते हैं, शेष बनावट आल्टरनेटर के समान हाेती है। चित्र देखें_