2 March 2017

Ohm's Law Theory and Practical in Hindi

ओह्म का नियम (Ohm's Law):-

वैज्ञानिक जी.एस. ओह्म ने डी.सी. सर्किट में बहने वाली करंट, वोल्टेज व रेजिस्टैंस के सम्बन्ध को इस नियम द्वारा बताया है वही ओह्म का नियम कहलाता है । इस नियम के अनुसार, "यदि किसी चालक की भौतिक अवस्थाओं में परिवर्तन न किया जाए तो उस चालक में बहने वाली करंट, चालक के दोनों सिरों के बीच दिए गए वोल्टेज (Potential Difference) के समानुपाती होती है।
(भौतिक अवस्था से तात्पर्य उस चालक की लम्बाई, चौड़ाई, मोटाई, ताप आदि से है)।
(V = I.R)
( I = V/R )

Practical:- Determine ohm's law.
उद्देश्य (Aim) :- ओह्म नियम को सिध्द करें।


विधि (Method) :-
1) चित्र के अनुसार कनैक्शन करो l
2) रियोस्टेट को अधिकतम रखो।
3)  स्विच को आन करो ।
4) रियोस्टेट को कम व ज्यादा व्यवस्थित करके सप्लाई वोल्टेज में परिवर्तन करो ।
5) वोल्ट मीटर तथा एम्मीटर क्री रीडिंग फिर नोट करो।
6) ओह्म नियम द्वारा रैजिस्टैंस ज्ञात करो ।

सावधानियाँ (Precautions) :-
1) कनैक्शन लूज नहीं होने चाहिए ।
2) एम्मीटर सीरीज में जोड़ना चाहिए ।
3) वोल्ट मीटर हमेशा लोड (स्थिर रैजिस्टैंस) के एक्रॉस में जोडना चाहिए।
4) वोल्ट मीटर का + ve टर्मिनल सप्लाई के + ve के साथ तथा - ve टर्मिनल - ve के साथ जोडना चाहिए।
5) स्विच ऑन करने के पहले मीटर की सूई जीरो पर एडस्ट कर लेनी चाहिए ।
6) रियोस्टेट को धीरे-धीरे कम व ज्यादा करना चाहिए ।

निरीक्षण (Observation) :-
ऐसा करने पर आपको पता चलेगा कि, " वोल्टेज को बढ़ाने से करंट भी बढ़ता है तथा उसके कम होने से करंट भी कम होता हैं।

No comments:

Post a Comment