20 August 2016

Electromotive force and Potential Difference in Hindi

इलैक्ट्रोमोटिव फोर्स (EMF) और पोटैंशियल डिफरेन्स (PD)
जब हम सेल के दोनों इलैक्ट्रोडों को किसी तार के द्वारा जोडते है "तो विद्युत एक दिशा में प्रवाह करती हैं "। अब यहा एक प्रश्न निर्माण होता है ? वह ताकत कहाँ से आती है जिससे विद्युत धारा बहती है ।" दो इलैक्टोड के बीच में पोटेंशियल डिफोन्स होता है । यह पोटेंशियल डिफोन्स  EMF द्वारा बनाया जाता है । सेल के अंदर EMF  रासायनिक क्रिया के कारण पैदा होती है ।
उदाहरण के रूप में , वोल्टिक सेल में विद्युत पैदा करते समय जिंक समाप्त हो जाता है । जिंक की खपत से वह ऊर्जा पैदा होती जो विद्युत धारा के प्रवाह के लिए उत्तरदायी है । दूसरे शब्दों में, स्त्रोत द्वारा हर कूलम्ब से जो ऊर्जा प्राप्त होती है, वह EMF कहलाती है । इसके विपरीत एक कूलम्ब चार्ज को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने पर जो ऊर्जा खपत होती है वह दो बिन्दुओं के मध्य का पोटेंशियल डिफरेन्स होता है । आसान भाषा मे कहे तो जब किसी सेल का सर्किट पूर्ण होता हे तो सेल के सिरों पर ऊपलब्ध वोल्टेज P.D. कहलाता है । उदाहरण के लिए चित्र को देखें । इसमें 6 वोल्ट की बैटरी है । इसका अभिप्राय: है कि बैटरी द्वारा हर एक कूलम्ब को बाहरी सर्किट में +ve टर्मिनल से -ve टर्मिनल तक ले जाने मे 6 जूल ऊर्जा प्रदान की जाती है । चित्र में बिंदू P और S के मध्य में पोटेंशियल डिफरेन्स 4 वोल्ट वह ऊर्जा है जो एक कूलम्ब चार्ज P से S तक ले जाने में खपत होती है ।

No comments:

Post a Comment